हरक सिंह रावत नहीं है महाभारत का अभिमन्यु
देहरादून । वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने आखिरकार अपनी चुप्पी को विराम दे ही दिया। आज वे चार साल बाद एक प्रेस कांफ्रेंस के अंत में उठते हुए एक सवाल के जबाब में बोल ही पड़े कि वे महाभारत के अभिमन्यु नहीं है। वन मंत्री इन दिनों सत्ता पक्ष के निशाने के साथ विपक्ष के भी निशाने पर है। विपक्ष जहां हरक सिंह रावत पर कर्मकार कल्याण बोर्ड में भ्रष्टाचार को लेकर सवाल उठा रहा है। वहीं सत्ता पक्ष के विधायक दिलीप सिंह रावत ने टाइगर सफारी के कारण कंडी मार्ग निर्माण असंभव बता रहे हैं। जिसको लेकर सियासी हमलों के भंवर में हरक सिंह रावत इन दिनों फंसे हुए नजर आ रहे हैं ।
जब मीडिया कर्मियों के द्वारा हरक सिंह रावत को सत्ता पक्ष और विपक्ष के द्वारा टारगेट किए जाने का सवाल किया गया तो हरक सिंह रावत ने कहा कि वह महाभारत के अभिमन्यु नहीं है जो उन्हें आखरी दरवाजे पर मारा जाए। हरक सिंह रावत की बयान से साफ है कि कोई उन्हें कितना भी घेर ले वह घिरने वाले नहीं है। विधानसभा में आज पत्रकार वार्ता के दौरान हरक सिंह रावत ने इसके अलावा कई और भी धारण किए कि जब भी उन्हें किसी भी तरीके से घेरने की कोशिश की गई है उससे वह हमेशा बाहर निकले हैं।