Thursday, July 17, 2025
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उत्तराखंड

चारधाम में हादसे दर हादसे – क्या भाजपा सरकार को श्रद्धालुओं की जान की कोई कीमत नहीं ?, उत्तराखंड महिला कांग्रेस की अध्यक्षा ज्योति रौतेला ने उठाये सवाल

आज उत्तराखंड की केदार घाटी में एक और हेली दुर्घटना में सात निर्दोष लोगों की जान चली गई। यह इस चारधाम यात्रा के दौरान अब तक की पाँचवीं हेली दुर्घटना है, और राज्य में फिर एक बार यह सवाल गूंज रहा है – क्या उत्तराखंड की भाजपा सरकार श्रद्धालुओं की सुरक्षा के प्रति पूरी तरह असंवेदनशील हो चुकी है?

चारधाम यात्रा भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक आत्मा है, लेकिन दुर्भाग्यवश इस यात्रा का संचालन अब जानलेवा अव्यवस्था और लापरवाही का प्रतीक बन गया है।
मई-जून 2025 के बीच, अब तक 5 बड़ी हेली दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें 15 से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं, और यात्रियों की कुल मौतों का आंकड़ा 100 के पार पहुंच चुका है।

और तब भी — सरकार का ध्यान श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर नहीं, विज्ञापन, फोटोशूट, और अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की तैयारियों में लगा है।

सरकार मौन क्यों है? जवाबदेही कहाँ है?
• हेलीकॉप्टर कंपनियों को खराब मौसम में उड़ान की अनुमति क्यों दी जा रही है?
• हर हादसे के बाद “जाँच के आदेश” की रस्म अदायगी होती है, लेकिन सुधार क्यों नहीं?
• यात्रियों की मृत्यु के बाद शोक नहीं, संवेदना नहीं, नीतिगत बदलाव तक नहीं — आखिर कब तक?

यह लापरवाही नहीं, यह राजकीय विफलता है।
यह प्रशासनिक गलती नहीं, यह सरकार की प्राथमिकताओं का नंगा सच है।

महिला कांग्रेस की सख्त माँगें:
1. हर हेलीकॉप्टर दुर्घटना की उच्चस्तरीय स्वतंत्र जांच कराई जाए।
2. चारधाम में ऑपरेट कर रही सभी कंपनियों का फुल टेक्निकल ऑडिट हो।
3. हेलिपैड्स, मौसम प्रणाली और एयर ट्रैफिक नियंत्रण में कठोर मानक लागू किए जाएं।
4. मृत यात्रियों के परिजनों को ₹1 करोड़ मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।
5. सुरक्षा से खिलवाड़ करने वाली कंपनियों के लाइसेंस रद्द किए जाएं और आपराधिक मामला दर्ज हो।

श्रद्धा का यह अपमान अब और नहीं सहा जाएगा

चारधाम यात्रा में जाना लोगों के लिए एक आध्यात्मिक संकल्प होता है। लेकिन इस राज्य में, यह संकल्प अब सरकारी लापरवाही के कारण मृत्यु का खतरा बनता जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी, यदि आपके पास जनता की सुरक्षा को लेकर कोई योजना नहीं है, तो यह जनता तय करेगी कि आपकी सत्ता में रहने का कोई अधिकार है या नहीं।

श्रद्धांजलि उन सभी दिवंगत तीर्थयात्रियों को, और प्रण यह कि अब हम चुप नहीं बैठेंगे।

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