Friday, June 13, 2025
Latest:
उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का संवेदनशील प्रशासन: समाधान तक खुद की निगरानी, जनता की सेवा ही प्राथमिकता: सीएम धामी ने खुद की शिकायतकर्ताओं से बात

*मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में सीएम हेल्पलाइन 1905 बनी भरोसे का माध्यम*

*सुनवाई से समाधान तक खड़े सीएम धामी – जनता बोली धन्यवाद !*

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि एक सच्चा जनसेवक वही होता है, जो जनता की बात न सिर्फ सुनता है बल्कि उनके समाधान की जिम्मेदारी भी स्वयं लेता है। आज मुख्यमंत्री धामी ने प्रातः कालीन बैठक के दौरान सीएम हेल्पलाइन 1905 में दर्ज उन नागरिकों से संवाद किया जिनकी शिकायतें उन्होंने पिछली बैठक में सुनी थीं।

*सीएम ने की सीधे शिकायतकर्ताओं से बातचीत*

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस समीक्षा बैठक में उन तीन प्रमुख शिकायतकर्ताओं से पुनः संवाद किया, जिनसे उन्होंने पूर्व में आयोजित सीएम हेल्पलाइन 1905 की बैठक के दौरान व्यक्तिगत रूप से बातचीत कर उनकी समस्याएं सुनी थीं। यह केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि एक जनसेवक की गहरी संवेदनशीलता का प्रमाण है। मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट कर दिया कि उनके लिए शिकायतें महज़ फ़ाइलों का ढेर नहीं, बल्कि हर शिकायत के पीछे एक व्यक्ति की आशा, पीड़ा और समाधान की आकांक्षा होती है जिसे वे पूरी गंभीरता और जिम्मेदारी के साथ समझते और महसूस करते हैं।

लक्ष्मी देवी (उत्तरकाशी) की शिकायत शिक्षा विभाग से संबंधित पारिवारिक पेंशन हेतु नॉमिनी बनाए जाने लेकर थी। मुख्यमंत्री की पहल से अब उनकी पेंशन की समस्या का समाधान हो चुका है, और लक्ष्मी देवी ने इसके लिए धन्यवाद प्रकट किया।

जगदंबा प्रसाद नौटियाल (रुद्रप्रयाग) को अपने मेडिकल बिलों के भुगतान में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। मुख्यमंत्री द्वारा की गई गहन समीक्षा और निर्देशों के चलते अब उनका बकाया मेडिकल बिल पास कर दिया गया है, जिससे वे अत्यंत संतुष्ट हैं।

बहादुर सिंह बिष्ट (नैनीताल) जो बागवानी विभाग से सेवानिवृत्त हो चुके हैं, उन्हें अपने GPF की राशि प्राप्त नहीं हो पा रही थी। सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज शिकायत के बाद मुख्यमंत्री ने स्वयं उनके मामले की निगरानी की और अब उनकी GPF राशि का भुगतान भी सुनिश्चित कर दिया गया है।

*संवेदनशील प्रशासन की मिसाल*

इस बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट संदेश दिया कि जनता की शिकायतों को आँकड़ों की तरह नहीं, बल्कि एक व्यक्ति की पीड़ा के रूप में लें। उन्होंने कहा कि हर शिकायत का समयबद्ध निस्तारण ही जनविश्वास का मूल आधार है। उनकी यह शैली एक परिपक्व, संवेदनशील और जिम्मेदार प्रशासक की छवि प्रस्तुत करती है।

*राजनीति नहीं, सेवा है लक्ष्य !*

यह पहल राजनीति के प्रदर्शन से कहीं ऊपर है। यह कार्यशैली दर्शाती है कि पुष्कर सिंह धामी प्रशासन में सेवा के मूल भाव को सर्वोच्च मानते हैं। जहां अधिकतर नेता योजनाओं के उद्घाटन तक सीमित रहते हैं वहीं मुख्यमंत्री धामी उनके सफल क्रियान्वयन तक व्यक्तिगत रुचि लेते हैं।

*उत्तराखंड को मिला एक सच्चा जननायक*

उत्तराखंड को एक ऐसा नेता मिला है, जो केवल भाषण नहीं, बल्कि समाधान देता है। इससे पहले भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अनेक बैठकों में सीधे शिकायतकर्ताओं से बात करते हुए समस्याओं का समाधान किया है। सीएम धामी ने यह साबित किया है कि जनसेवा केवल नारा नहीं, बल्कि नियोजन, निगरानी और निष्पादन का जीवंत उदाहरण है। उनकी यही सक्रियता, जवाबदेही और संवेदनशीलता उन्हें उत्तराखंड के एक सच्चे जननायक और कर्मठ प्रशासक के रूप में स्थापित करती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *