उत्तराखंड

उत्तराखंड के प्रशासनिक मुखिया ही नहीं संवेदनशील जनसेवक भी है मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, देर रात को अपना काफिला रुकवाकर टिहरी से मिलने आये रघुनन्दन प्रसाद पांडे से की मुलाक़ात, कीवी, सेब, ड्रैगन फल जैसी फसलों को बढ़ावा देने के लिए 70 से 80 रूपए सब्सिडी देने के निर्देश

राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि वे केवल एक प्रशासनिक मुखिया नहीं, बल्कि आमजन की पीड़ा को समझने वाले संवेदनशील जनसेवक भी हैं। मंगलवार देर रात्रि कैबिनेट बैठक के उपरांत जब मुख्यमंत्री सचिवालय से निकल रहे थे, तभी उन्होंने टिहरी जनपद से आए रघुनन्दन प्रसाद पाण्डेय को देखा, जो उनसे मिलने की आशा में वहाँ उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने तुरंत अपना काफिला (फ्लीट) रुकवाया और स्वयं श्री पाण्डेय से जाकर भेंट की। उन्होंने उनकी समस्या को गंभीरता से सुना और मौके पर ही संबंधित सचिव को आवश्यक निर्देश दिए। श्री पाण्डेय ने मुख्यमंत्री को पहाड़ी दुर्गम क्षेत्रों से हो रहे पलायन की समस्या से अवगत कराते हुए सुझाव भी दिए।

मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार पलायन को रोकने हेतु ठोस और प्रभावी कदम उठा रही है और जनप्रतिनिधियों तथा नागरिकों से प्राप्त सुझावों को गंभीरता से लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य प्रत्येक नागरिक तक विकास की रोशनी पहुँचाना है।

मुख्यमंत्री ने रघुनंदन प्रसाद पाण्डेय और उनके साथियों के रूकने की व्यवस्था करने के भी निर्देश अधिकारियों को दिये।

वहीँ किसानों की आय बढ़ाने एवं नकदी फसलों के अधिक उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मंत्रिमंडल में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। कीवी, ड्रैगन फ्रूट, सेब जैसी फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने एवं इनके भंडारण की क्षमता को बढ़ाने के लिए 70-80 प्रतिशत तक अनुदान दिए जाने का निर्णय लिया गया। इससे पलायन को रोकने में भी मदद लेगी
पुष्कर सिंह धामी
मुख्यमंत्री

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