उत्तराखंड

22 फरवरी से अनिश्चितकालीन आंदोलन की दी गई चेतावनी, उपनल कर्मचारियों की मांगे न मानी तो कार्यबहिष्कार, उपनल कर्मचारियों को नियमित करने के हाईकोर्ट के आदेश को शत प्रतिशत लागू करने की मांग

देहरादून- उपनल कर्मचारी महासंघ की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में उपनल कर्मचारियों को नियमित करने के हाईकोर्ट के आदेशों को सख्ती के साथ लागू करने की मांग की गई। साफ किया गया कि यदि इस बार मांगों का निस्तारण न किया गया, तो सीधे आर पार की लड़ाई लड़ी जाएगी।

महासंघ की बैठक में प्रदेश अध्यक्ष कुशाग्र जोशी, महासचिव हेमंत सिंह रावत ने कहा कि हाईकोर्ट उपनल कर्मचारियों को नियमित करने के स्पष्ट आदेश दे चुका है। नियमित न होने वाले कर्मचारियों को समान काम का समान वेतन देने के आदेश दिए गए हैं। इसके बाद भी सरकार के स्तर से कोई निर्णय नहीं लिया गया है। इस मसले पर कई बार सरकार से वार्ता हो चुकी है। हर बार उपनल कर्मचारियों को निराशा ही मिली है। इससे उपनल कर्मचारियों में आक्रोश बढ़ रहा है। कहा कि उपनल कर्मचारी अपने तन मन से राज्य सरकार के समस्त विभागों में अपनी सेवाएं देता आ रहा है। इसके बाद भी उपनल कर्मचारियों का भविष्य अंधकार में है।
बैठक में तय हुआ कि यदि सरकार ने चार सप्ताह के भीतर उपनल कर्मचारियों की मांग नहीं मानी, तो उपनल कर्मचारी महासंघ दिनांक 22 एवं 23 फरवरी से कार्य बहिष्कार शुरू कर देगा। इसके बाद आंदोलन अनिश्चितकाल के लिए शुरू कर दिया जाएगा। इसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार एवं शासन की होगी। बैठक में विनोद गोदियाल, हरीश कोठारी, आशुतोष पुरोहित, नागेंद्र मंदौला, मनोज सेमवाल, विमल गुप्ता, ओम स्वरूप पोखरियाल, महेश भट्ट, रोहित वर्मा, शिव कैलाश मौजूद रहे।

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