उत्तराखंड

राफ़्टिंग का क्षेत्र फिर से होगा गुलज़ार, सरकार पर्यटन विकास को लेकर ले सकती है फ़ैसला

कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन में लंबे समय से बंद राफ्टिग गतिविधि को अब सरकार खोलने की तैयारी कर रही है। उम्मीद है कि 21 सितंबर से गंगा के कौडियाला-मुनिकीरेती इको टूरिज्म जोन में एक बार फिर गंगा की लहरों पर रंग बिरंगी राफ्टों में रोमांच का सफर शुरू हो जाएगा। राफ्टिग से जुड़े व्यवसायी भी अब राफ्टिग की तैयारी में जुट गये हैं।
गंगा का कौडियाला-मुनिकीरेती इको टूरिज्म जोन राफ्टिग, क्याकिग और अन्य साहसिक गतिविधियों के लिए विश्व भर में पहचान रखता है। सबसे अधिक पर्यटक राफ्टिग और कैंपिग के लिए ही ऋषिकेश व आसपास क्षेत्र में पहुंचते हैं। इस वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण 22 मार्च को जनता क‌र्फ्यू के साथ शुरू हुए लॉकडाउन से राफ्टिग गतिविधि भी ठप हो गयी थी। जबकि मार्च के बाद ही राफ्टिग का सत्र सबसे उफान पर रहता है। अब जब अनलॉक-4 की प्रक्रिया में मुख्यमंत्री ने लाभ कमाने वाले विभागों में भी गतिविधियां शुरू करने के लिए निर्देशित किया है। इसके बाद पर्यटन विभाग ने भी गंगा में राफ्टिग गतिविधि को खोलने का निर्णय लिया है। इसके लिए विभाग ने राफ्टिग व्यवसायियों को लाइसेंस व परमिट जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उम्मीद है कि 21 सितंबर से गंगा में राफ्टिग की गतिविधि शुरू हो जाएगी। फ़िलहाल राफ्टिग कारोबारियों को गाइडलाइन का इंतजार हो रहा है।


21 सितंबर से गंगा में राफ्टिग की गतिविधि खोलने की तैयारी भले ही शुरू हो गयी है। मगर, अभी तक इसके लिए पर्यटन विभाग की ओर से कोई गाइडलाइन जारी नहीं की गयी है। राफ्टिग व्यवसायियों को भी अब गाइडलान का इंतजार है। संभव है कि राफ्ट में भी आधी क्षमता पर पर्यटकों को बैठाने का निर्णय लिया जाएगा। गतिविधि में शामिल होने के लिए पर्यटकों को कोरोना रिपोर्ट की अनिवार्यता भी तय की जा सकती है। व्यवसायियों का मानना है कि सुरक्षा की दृष्टि से इस तरह के कदम उठाना भी जरूरी है। व्यवसायियों को मिलेगा ढाई माह का समय
गंगा में मानसून में 30 जून से 31 अगस्त तक राफ्टिग गतिविधि बंद रहती है। जबकि दिसंबर में अत्याधिक ठंड होने पर राफ्टिग गतिविधि स्वत: ही बंद हो जाती है, जो फिर मार्च में गति पकड़ पाती है। ऐसे में यदि 21 सितंबर से गंगा में राफ्टिग खोली जाती है तो व्यवसायियों को करीब ढाई माह का ही समय व्यवसाय के लिए मिल पाएगा। वर्तमान में गंगा नदी में करीब तीन सौ कंपनियां छह सौ से अधिक राफ्टें संचालित करती हैं। इस व्यवसाय से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से करीब बीस हजार से अधिक लोग रोजगार पाते हैं।

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