बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ घंटी और शंख न हों तो कनस्तर ही बजाएं- हरीश रावत
हरीश रावत ने कहा कि अगर घंटी और शंख न हों तो कनस्तर ही बजाएं लेकिन 11 तारीख शाम 7:30 बजे आवाज़ ज़रूर उठाएं।
देहरादून। कोरोना वॉरियर्स के लिए थाली-शंख-घंटी बजाने का आव्हान पीएम मोदी ने किया था तो कांग्रेस ने इसका मज़ाक उड़ाया था और इसे असल मुश्किल से ध्यान हटाने वाला बताया था। लेकिन अब उत्तराखंड कांग्रेस भी थाली-शंख-घंटी बजाने का आह्वान कर रही है। ने इसमें एक और चीज़ जोड़ दी है और वह है कनस्तर। कांग्रेस का कहना है कि बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ सबको आवाज़ उठानी चाहिए। बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस 2022 में भी कनस्तर ही बजाएगी और बेरोज़गारी को लेकर कांग्रेस पर ही सवाल उछाल दिया है।
खुद कितना रोज़गार दिया
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि बेरोज़गारी के खिलाफ सबको आवाज़ उठानी चाहिए और 11 तारीख शाम 7:30 बजे राज्य के लोगों को घंटी और शंख बजाना चाहिए। रावत ने कहा कि अगर घंटी और शंख न हों तो कनस्तर ही बजाएं लेकिन आवाज़ ज़रूर उठाएं।
बीजेपी का कहना है कि हरीश रावत विरोध करने के लिए भी प्रधानमंत्री मोदी के प्रोग्राम को कॉपी कर रहे हैं। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता मुन्ना सिंह चौहान कहते हैं कि कांग्रेस की जैसी हालत है 2022 में वह कनस्तर ही बजाएगी। चौहान ने हरीश रावत से पूछा कि उन्होंने केंद्र में मंत्री और फिर मुख्यमंत्री रहते हुए कितना रोज़गार दिया?
2022 के चुनावी शंखनाद में अभी भले ही वक्त हो लेकिन कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चुनौती लोगों को साथ जोड़ने की है फिर चाहे उसके लिए शंख या घंटी बजानी पड़े या फिर खाली कनस्तर। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस के इस प्रोग्राम को जनता कितनी गंभीरता से लेती है।