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प्रदेश में डेंगू के बेहतर उपचार के लिए प्लेटलेट्स की उपलब्धता है स्वास्थ्य विभाग की प्राथमिकता, नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से जनता को किया जा रहा है जागरूक

देहरादून, मौजूदा मॉनसून के मद्देनजर वेक्टर (रोग वाहक) जनित रोगों का खतरा भी बढ़ जाता है, जिसमें डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, आदि बिमारियों की होने की आशंका बनी रहती है। डेंगू रोग से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से मुस्तैद है। प्रदेश में डेंगू के रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु विभाग द्वारा जनपदों में एडवाइजरी निरंतर जारी की जा रहीं है। जिला प्रशासन, नगर पालिका/नगर निगम, स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित कर डेंगू रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु नुक्कड़ नाटक के द्वारा वृहद जनजागरुकता अभियान, स्पेस स्प्रे, फॉगिंग, सोर्स रिडक्शन, आदि गतिविधियां संचालित की जा रही है।

निदेशक, एन.एच.एम., डॉ सरोज नैथानी द्वारा बताया गया कि प्रदेश के पांच जनपदों देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, उधम सिंह नगर व पौड़ी में डेंगू का खतरा रहता है। इन पांच जनपदों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा डेंगू मरीजों के लिए प्लेटलेट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराने हेतु लगातार प्रयासबद्ध है। जिसके दृष्टिगत राज्य सरकार द्वारा इन जनपदों के रक्तकोषों को उच्चीकृत करते हुये प्लेटलेट की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है।

राज्य में 2016-17 में केवल 7 रक्तकोषों में प्लेटलेट की सुविधा उपलब्ध थी जो अब वर्तमान में बढ़कर में 31 हो चुकी है और 04 अन्य रक्तकोषों को उच्चीकृत किया जा रहा है। साथ ही प्रदेश में 19 रक्तकोशों में प्लेटलेट एफेरेसिस की सुविधा भी उपलब्ध हो चुकी है।

वर्ष 2016-17 तक राज्य में उपलब्ध रक्तकोष प्रतिदिन केवल 150-250 युनिट प्लेटलेट ही उपलब्ध कराने की क्षमता रखते थे जो वर्तमान में बढ़कर 1000-1200 युनिट तक हो चुकी है साथ ही राज्य में वर्तमान में 19 रक्तकोषों में उपलब्ध प्लेटलेट एफेरेसिस की मशीने लगभग 130-200 युनिट जम्बों पैक (एस0डी0पी0) तैयार करने की क्षमता रखते है।

स्वास्थ्य विभाग के सतत् प्रयासों से इस वर्ष प्रदेश के 8 जनपदों में डेंगू का एक भी मामला संज्ञान में नही आया है। राज्य के अन्य जनपदों में डेंगू के कुल 620 मामले रिपोर्ट हुए हैं, जिसमें देहरादून में 388, हरिद्वार में 123, नैनीताल में 10, पौड़ी में 73 एवं टिहरी में 24 एवं उधम सिंह नगर में 02 मामले दर्ज हुए हैं। वर्ष 2019 में सिंतबर माह तक डेंगू के कुल 4,078 मामले रिपोर्ट किए गए थे वर्तमान में दर्ज मामले वर्ष 2019 की तुलना में कम है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा निरंतर डेंगू रोक के रोकथाम हेतु प्रयास किए जा रहे हैं। वर्ष 2022 में वर्तमान तक डेंगू रोग से कोई भी मृत्यु दर्ज नही हुई है। डेंगू को महामारी का रुप लेने से रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग हर तरह से सजग है। सभी चिकित्सालयों में डेंगू आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं। जिसमें अवश्यकता अनुसार बेडों की संख्या सुनिश्चित की गई है व अवश्यकता पड़ने पर संख्या को बढ़ाया जा सकता है।

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