उत्तराखंड पुलिस में नहीं है सब कुछ ठीक ?
नैनीताल- आइपीएस अधिकारी बरिंदर जीत सिंह ने अपने ही विभाग के ख़िलाफ़ मोर्चा खोलते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। जिसमें सूत्रों की माने तो डीजीपी अनिल रतूडी, डीजी कानून व्यवस्था अशोक कुमार और पूर्व आईजी कुमाऊं जगतराम जोशी की कार्यशैली पर सवाल खड़ा किया गया है।
पिछले दिनों ऊधमसिंह नगर के एसएसपी पद से हुए तबादले को बरिंदर जीत सिंह ने हाई कोर्ट में चुनौती देते हुए वरिष्ठ अधिकारियों पर प्रताडऩा का आरोप लगाया है। जिसमें हाई कोर्ट ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है।
कुछ दिन पूर्व ही ऊधमसिंह नगर के एसएसपी बरिंदर जीत सिंह का तबादला शासन ने आइआरबी कमांडेंट के पद पर कर दिया था
और पौड़ी गढ़वाल के एसएसपी दलीप सिंह कुंवर को ऊधमसिंह नगर की कमान सौंपी। सूत्रों की माने तो शुक्रवार को हाई कोर्ट में बरिंदर जीत सिंह ने याचिका दायर कर आरोप लगाया कि ऊधमसिंह नगर में तैनाती के दौरान डीजीपी अनिल रतूड़ी द्वारा उन्हें महत्वपूर्ण मामलों में निष्पक्ष जांच करने से रोका गया। जहाँ निष्पक्ष जांच जारी रखने के लिए उन्हें चेतावनी तक दी गई। वहीं जब उन्होंने पत्राचार किया तब चेतावनी वापस ले ली गई लेकिन उत्पीडऩ लगातार जारी रहा। उन्होंने कहा कि 12 साल की सेवा में ईमानदारी व कर्तव्यनिष्ठ होने का इनाम आठ तबादले करके दिया गया।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि कुमार मलिमथ व न्यायाधीश एनएस धानिक की खंडपीठ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए डीजीपी, डीजी कानून व्यवस्था व पूर्व आईजी को नोटिस जारी कर 20 अगस्त तक जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। अगली सुनवाई 21 अगस्त को होगी।