उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने सरकार के सामने रखी सीबीआई जांच की मांग, पेपरलीक मामले में जो पकड़े वो है केवल मोहरे असली चेहरों का बेनकाब होना है जरूरी: कापड़ी
उप नेता सदन एवं विधानसभा खटीमा से विधायक भुवन कापड़ी नें एक बयान जारी कर कहा कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष का इस्तीफा देना और सचिव को हटाया जाना ये न्याय संगत नहीं है। दोनों के विरुद्ध कार्यवाही होनी चाहिए और भी जो अधिकारी इसमें सम्मिलित हैं उन पर भी कार्यवाही होनी चाहिए क्योंकि निष्पक्ष भर्ती की जिम्मेदारी जिनको दी गयी थी वहां घोटाला हुआ है। जितना बड़ा यह घोटाला था इस घोटाले के लिए हम अभी भी सीबीआई जांच की मांग करते हैं। उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग में स्नातक परीक्षा में हुए घोटाले के खुलासे से स्पष्ट हो गया है कि इससे पूर्व फॉरेस्ट गार्ड भर्ती, ग्राम पंचायत सचिव, ग्राम विकास अधिकारी, एलटी भर्ती सहित कई विभागों की लिपिकीय व चालकों की भर्ती में भी भारी घोटाला हुआ है तथा ये सभी भर्तियां संदेह के घेरे में है। स्नातक भर्ती घोटाले में अब तक जितने भी घोटालेबाज पुलिस की गिरफ्त में आए हैं वे सिर्फ मोहरे मात्र हैं तथा असली घोटालेबाजों तक सरकारी तंत्र नहीं पहुंचाना चाहता है। उन्होंने कहा कि कंाग्रेस पार्टी पहले से ही मांग करती आ रही है कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में हुए भर्ती घोटाले की उच्च स्तरीय जांच करायी जाती है तो इसमें सत्ता प्रतिष्ठान, अधीनस्थ चयन आयोग, सचिवालय, विधानसभा के बैठे कई बड़े चेहरे बेनकाब हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि स्नातक परीक्षा में हुए घोटाले के खुलासे के बाद सबसे पहले जिस व्यक्ति की गिरफ्तारी हुई है वो उसी कंपनी से जुड़ा है जिसने इसी साल विधानसभा चुनावों से पहले विधानसभा सचिवालय के लिए सीधी भर्ती की परीक्षा आयोजित की थी। उन्होंने कहा कि मामले की जांच तो दूर विधानसभा सचिवालय ने आज तक उस कंपनी का नाम तक सार्वजनिक नहीं किया है। वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष द्वारा सीधी भर्ती के परीक्षा परिणाम पर रोक लगाना भर्ती घोटाले की ओर स्पष्ट इशारा करता है। भाजपा सरकार ने राज्य के युवाओं के साथ धोखा करने के अलावा कुछ नहीं किया है तथा रोजगार के नाम पर भारी घोटाले को अंजाम देकर प्रदेश के युवाओं को ठगने का काम किया है। उन्होंने भाजपा सरकार में हुई सभी भर्तियों की सीबीआई से जांच की मांग की।