केदारनाथ धाम को लेकर जल्द हो सकता है बड़ा फैसला, बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर को लिखा पत्र
कृपया, अवगत कराना है कि वर्ष 2013 की आपदा के पश्चात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिशा-निर्देशन और प्रदेश सरकार के कुशल पर्यवेक्षण में श्री केदारनाथ धाम में पुर्ननिर्माण कार्य व्यापक स्तर पर संचालित हो रहे हैं और नई केदार पुरी दिव्य व भव्य स्वरूप लेती जा रही है। मास्टर प्लान के तहत श्री केदारनाथ मन्दिर का प्रांगण काफी विशाल व भव्य निर्मित किया गया है। विशाल प्रांगण से मन्दिर के सौंदर्य में कई गुना वृद्धि हुई है, किंतु मौसम की प्रतिकूलता व अज्ञानतावश कई बार श्रद्धालु अपने जूते-चप्पल के साथ मन्दिर और भगवान श्री नंदी की मूर्ति के समीप तक पहुँच जाते हैं। इससे मन्दिर की पवित्रता के साथ-साथ अनेक श्रद्धालुओं की धार्मिक भावना को भी ठेस पहुँचती है। ऐसी स्थिति में उचित होगा कि श्री केदारनाथ मन्दिर के चारों ओर एक उचित दूरी पर “परिक्रमा” का सीमांकन किया जाए। परिक्रमा का सीमांकन (Boundary) स्थानीय पत्थरों से पौराणिक शैली के अनुरूप किया जा सकता है। इससे मन्दिर की निश्चित परिधि के पश्चात कोई भी जूते-चप्पलों के साथ वहाँ प्रवेश नहीं कर सकेगा। इस संबन्ध में मेरे द्वारा विगत दिवस श्री केदारनाथ धाम में धर्मेश गंगानी, मुख्य वास्तुविद, आई०एन०आई० डिजायन स्टूडियो के साथ स्थल पर ही विचार-विमर्श भी हुआ है।
अतः उक्त क्रम में आप अपने स्तर से आवश्यक कार्रवाई करने का कष्ट करें।