चंपावत में विद्यालयी शिक्षा विभाग की सैकड़ों किताबे नाले से बरामद, दो दिन पहले ही छात्र छात्राओं को मुफ्त पुस्तक नहीं दे पाने पर डीजी शिक्षा ने वेतन रोकने के दिए थे आदेश, आदेश के बाद भी लापरवाही पर कुछ एक्शन लीजिए सरकार
दो दिन पहले ही महानिदेशक विद्यालय शिक्षा बंसीधर तिवारी ने छात्र-छात्राओं को स्कूल में मुफ्त किताबें न पहुंचा पाने के कारण अपने समेत विभाग के कर्मचारियों का वेतन रोकने के आदेश जारी किए थे। वहीं आदेश के दो दिन बाद ही चंपावत जिले के पाटी तहसील के पोखरी क्षेत्र में उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा विभाग की सैकड़ों किताबों को वीरान नाले में फेंके जाने का मामला सामने आया है। ये किताबें कक्षा 06, 07 और कक्षा 08 की हैं। जहाँ एक ओर बच्चों को किताबें उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। वहीं दूसरी ओर इसी सत्र की किताबों को यूँ नाले में फेंके जाना वाकई छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है ।
स्थानीय निवासी मदन सिंह बोहरा का कहना है कि किताबों को नाले में फेंका गया था और अभी फिलहाल इन्हें निकलकर सुरक्षित स्थान पर लाया गया है। लेकिन शिक्षा विभाग की गैरजिम्मेदाराना हरकत से छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। यह सबके सामने आ गया है।
वहीं मामला विभाग के संज्ञान में आने के बाद से ही हड़कंप मचा हुआ है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चंपावत का प्रतिनिधित्व कर रहे है। ऐसे में पूरे मामले में आखिर सिस्टम में कहाँ गड़बड़ी हुई इसकी जाँच की बात हो रही है। साथ ही अगर कोई विद्यालय व कर्मचारी दोषी पाया जाता है तो उस पर कार्यवाही की जाएगी: सोनी मेहरा, प्रभारी खण्ड शिक्षा अधिकारी, पाटी।