उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र कल सुबह तक के लिए स्थगित, सदन में दिवंगत सीडीएस जनरल बिपिन रावत को दी गई श्रद्धांजलि
उत्तराखंड विधानसभा में शीतकालीन सत्र के पहले दिन की कार्रवाई कल सुबह 11:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। तो वही पहले दिन सदन में दिवंगत जनरल रावत और अन्य 11 सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गई। शीतकालीन सत्र के पहले दिन सदन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित सभी सदस्यों द्वारा दिवंगत सीडीएस जनरल रावत और शहीद हुए अन्य 11 सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गई। सदन में हर किसी ने अपनी शोक संवेदनाएं शहीदों के प्रति रखी तो वही पूरे सदन ने एकमत होकर यह प्रस्ताव रखा कि उत्तराखंड में किसी बड़े शिक्षण संस्थान का नाम जनरल बिपिन रावत के नाम पर रखा जाना चाहिए ताकि जनरल बिपिन रावत के शौर्य और उनके भारतीय सेना में योगदान की स्मृति हमेशा ताजा बनी रहे। विधानसभा सत्र स्थगित करने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि आज पूरा सदन शोकाकुल था और हर किसी ने अपनी संवेदनाएं दिवंगत जनरल बिपिन रावत और अन्य शहीद हुए 11 सैनिकों के प्रति रखी और जिस तरह से उत्तराखंड अपने एक वीर सपूत को खोया है उसको लेकर हर किसी का ह्रदय व्याकुल था। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने जानकारी दी कि सदन की आगे की कार्यवाही के लिए कार्य मंत्रणा की बैठक बुलाई जाएगी और कार्य मंत्रणा की बैठक में तय किया जाएगा कि सदन का बिजनेस किस तरह से रहेगी।वही सदन के दूसरे पक्ष विपक्ष ने भी अपनी संवेदनाएं जनरल बिपिन रावत के प्रति रखी। नेता प्रतिपक्ष प्रथम सिंह ने कहा कि विपक्ष के सभी नेताओं ने भी अपनी संवेदनाएं जनरल बिपिन रावत और उनके साथ शहीद हुए 11 अन्य सैनिकों के साथ संबंध की है तो वही इसके अलावा विपक्ष ने बीजेपी और आम आदमी पार्टी द्वारा जनरल बिपिन रावत को दी जा रही है श्रद्धांजलि कार्यक्रम को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि देश के इतनी बड़ी शख्सियत की मौत पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि चुनाव आते जाते रहेंगे लेकिन ऐसी शख्सियत हैं देश में सिर्फ एक बार ही आती। कोई इसके अलावा नेता प्रतिपक्ष विक्रम सिंह ने यह भी आशंका जताई कि सेना का इतना टॉप सिक्योरिटी वाला विमान कैसे दुर्घटनाग्रस्त हो गई इसका सवाल हर किसी देशवासी के जेहन में हालांकि इस पर जांच चल रही है तो वही सदन में आए जनरल बिपिन रावत के नाम पर शौर्य स्मारक बनाए जाने पर नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि केवल शौर्य स्मारक के द्वार पर जनरल बिपिन रावत का नाम लिख देना नाकाफी होगी उन्होंने कहा कि प्रदेश के अन्य शिक्षण संस्थानों के नाम भी जनरल बिपिन रावत के नाम पर रखे जाने चाहिए।