श्री निलकंठ महादेव में नहीं होंगे भोले के दर्शन
ऋषिकेश- सावन महीने की शुरुआत के साथ ही देशभर के शिवालयों में जलाभिषेक को लेकर शिव भक्तों की भीड़ उमड़ने लगती है। वहीं बात करे उत्तराखंड की तो देवभूमि में कई ऐसे मंदिर है जो अपने आप शिव के साक्षात उपस्थित होने का एहसास कराते है। ऐसा ही एक मंदिर है ऋषिकेश स्तिथ निलकंठ महादेव मंदिर, जहाँ ख़ास तौर पर श्रावण मास में लाखों की संख्या में शिवभक्त आकर जलाभिषेक करते है। लेकिन इसबार श्रावण मास पर भी कोरोना महामारी की छाया साफ़ नज़र आ रही है। उत्तराखंड सरकार ने पहले ही कांवड यात्रा को स्थगित कर दिया है। वहीं अब सावन माह के शुभारंभ से ठीक पहले श्री नीलकंठ मंदिर समिति ने भी बड़ा फैसला किया है। निलकंठ मंदिर में आम श्रद्धालुओं के जलार्पण और पूजन के लिए अनुमति नहीं होगी। मंदिर समिति ने श्रद्धालुओं से घर पर ही रह कर पूजा अर्चना करने की अपील की है। मंदिर समिति का आदेश मिलने के बाद बाहरी लोगों को मंदिर तक पहुंचने से रोकने के लिए लक्ष्मण झूला पुलिस ने नीलकंठ मार्ग पर गरुड़ चट्टी चेक पोस्ट पर अपनी चौकसी बढ़ा दी है। होर्डिंग और फ्लेक्स लगा कर लोगों को घर में पूजा अर्चना के लिए जागरूक किया जा रहा है। नीलकंठ धाम में सालाना कावड़ यात्रा में अलग अलग राज्यों से करीब 50 लाख से ज़्यादा शिवभक्त दर्शन के लिए आते है। जिसमें दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश आदि समीपवर्ती राज्यों से श्रावण मास में हर साल शिव भक्तों का हुजूम यहाँ उमड़ता है। लेकिन इस बार भोले बाबा का आशीर्वाद शिवभक्तो को अपने घर पर ही प्राप्त करना होगा।