उत्तराखंड कांग्रेस की नेत्रियों ने आज गाजीपुर बॉर्डर पर जाकर किसान आंदोलन का समर्थन किया। आंदोलन में प्रतिभाग करने वालों में महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सरोजिनी कैंतुरा,महामंत्री गोदावरी थापली, प्रदेश प्रवक्ता एवं aicc सदस्य गरिमा मेहरा दसौनी प्रदेश सचिव शांति रावत और परिणित बडोनी रही। इस बीच आंदोलन को मंच से संबोधित करने का अवसर प्राप्त हुआ।आंदोलन को संबोधित करते हुए सरोजिनी ने कहा कि जो लोग धान की कीमत नही चुका सकते वो किसान की कीमत क्या जाने?कैंतुरा ने कहा आज इस ऐतिहासिक आंदोलन में पहुंच कर बहुत अभिभूत हूँ।
दसौनी ने आंदोलन में एकत्रित अन्नदाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी बधाई के पात्र हैं जिन्होंने दिल्ली दरबार की चूले हिला दी और देश को एक नई राह दिखा दी।गरिमा ने किसानों के समर्पण,प्रतिबद्धता और दृढ़ निश्चय की खुले दिल से प्रसंशा करते हुए कहा कि मोदी सरकार के द्वारा आज कायरता के चलते कभी आंदोलन क्षेत्र की बिजली काटी जा रही कभी पानी कभी इंटरनेट जिससे ये साफ हो गया कि केंद्र सरकार इस आंदोलन से घबरा गई है। गरिमा ने कहा कि हिंदुस्तान अकेला ऐसा देश है जहां ना सिर्फ अन्नपूर्णा माँ की पूजा होती है बल्कि अन्न दाता की भी पूजा की जाती है। दसौनी ने कहा कि मैं उत्तराखंड देवभूमि से आप सभी के लिए और इस आंदोलन के लिए ढेर सारा प्यार और आशीर्वाद लेकर आई हूं,मन इस आंदोलन का हिस्सा होने पर गौरवान्वित महसूस कर रहा है। कांग्रेस नेत्रियों ने किसान नेता राकेश टिकैत से भी मुलाकात करी और आंदोलन की सफलता हेतु शुभकामनाएं दी।