शिक्षा

“डेंगू की रोकथाम के लिए जन सहभागिता है जरूरी “, स्वास्थ्य विभाग ने रोकथाम के उपाय किए शुरु

उत्तराखंड राज्य में डेंगू रोग को पूर्ण रूप से नियंत्रित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। स्वास्थ्य विभाग उत्तराखंड द्वारा डेंगू संक्रमण काल प्रारंभ होने से पहले ही सभी इसके नियंत्रण हेतु सभी तैयारियां पूरी की गई। विभाग द्वारा योजनाबद्ध तरीके से डेंगू की रोकथाम हेतु रणनीति तैयार की गई एवं उसके अनुसार डेंगू नियंत्रण गतिविधियों को राज्य से ले कर जिला स्तर तक संचालित किया गया। जिसके परिणामस्वरूप वर्तमान तक प्रदेश भर में मात्र 19 डेंगू रोगी रिपोर्ट हुए हैं व वर्तमान में डेंगू रोग से कोई भी मृत्यु दर्ज नहीं हुई है।डेंगू से बचाव के दृष्टिगत डॉ आर राजेश कुमार,प्रभारी सचिव, स्वास्थ्य विभाग ने आम जनमानस से अनुरोध किया है कि डेंगू के संक्रमण की अवधि मानसून से ले कर लगभग अक्टूबर तक रहती है इस दौरान आम समुदाय को सतर्क एवं सावधान रहने की आवश्यकता है। अपने आस पास परिसर में मच्छर न पनपने दे एवं इससे बचाव हेतु सावधानियां बरतें। डेंगू रोग की रोकथाम के लिए सभी विभागों की सहभागिता प्राप्त की गई है। सभी विभागों द्वारा अपने स्तर से डेंगू रोग के नियंत्रण के लिए विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का सम्पादन धरातल पर किया जा रहा है। वर्तमान में राज्य में किसी भी डेंगू रोगी की सूचना प्राप्त होने पर उसके निवास स्थान के आसपास वृहद स्तर पर डेंगू निरोधात्मक गतिविधियां की जाती हैं ताकि डेंगू रोग को उस स्थान से फैलने से रोका जा सके। जनपदों में जिलाधिकारी की निगरानी में समस्त डेंगू निरोधात्मक कार्यवाही की जा रही है। विभाग कर्मियों, आशा कार्यकत्रियों एवं अन्य फ्रंटलाइन वर्करों की मदद से डेंगू संवेदनशील क्षेत्रों में सोर्स रिडक्शन गतिविधि यानी डेंगू के मच्छरों के पनपने के स्थानों को चिन्हित कर नष्ट किया जा रहा है व लोगों को डेंगू से बचाव पर जागरूक किया जा रहा है। इस वर्ष देखने को मिला है की आम जनमानस द्वारा भी अपने घर व आस पास डेंगू रोग के मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया जा रहा है। डेंगू की रोकथाम से जुड़े जनजागरूकता सामग्री को जिला स्तर पर विभिन्न जनपदों के साथ साझा किया गया है। उक्त के नियंत्रण हेतु गाँव के समुदाय द्वारा सामुदायिक गीत गा कर साथ ही नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जन समुदाय को डेंगू से बचाव के लिए जागरूक किया जा रहा है जिसमे जन सहभागिता भी देखने को मिल रही है।विभाग द्वारा डेंगू रोगियों के उपचार के लिए चिकित्सालयों में डेंगू आइसोलेशन बेड आरक्षित किए गए हैं, औषधियों की उपलब्धता व जांच सुविधा की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *