पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व वनाधिकार आंदोलन के प्रणेता किशोर उपाध्याय ने मनरेगा में कार्य दिवसों की संख्या 100 से बढ़ाकर 150 बढ़ाने को ना काफ़ी बताया और कहा कि मुख्यमंत्री जी को Covid के इस संकट काल में जब हमारे 5 लाख से अधिक कमाऊ पूत मजबूरी में अपने गावों को लौटे हैं, तथ्य को ध्यान में रखते हुये :-
1. दैनिक मज़दूरी को कम से कम ड्योढा करना चाहिये था।
1. परिवार के हर वयस्क सदस्य को एक इकाई मानना चाहिये था और
3.कार्य दिवसों की संख्या कमसे-कम 200 करनी चाहिये थी।
इस सम्बंध में प्रदेश के प्रतिपक्षी दलों व सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि मण्डल ने Covid काल के आरम्भ में ही मुख्यमंत्रीजी से मिलकर अपनी बात रखी थी।
इस निर्णय से कोई ज़्यादा सकारात्मक नतीजों की आशा नहीं की जा सकती- किशोर उपाध्याय