उत्तराखंड

कोरोना काल में खुलकर हँसने से मिलेगी मदद , भारतीय योग विज्ञान की क्रियाओं से होगा फ़ायदा- एम सी गुप्ता

देहरादून- कोरोना संकटकाल में जो बात गौर करने वाली है वो है कि संक्रमित व्यक्ति के सबसे ज्यादा फैंफड़े ही क्षतिग्रस्त होते हैं। भारतीय योग विज्ञान में कुछ ऐसे प्राणायाम और क्रियाएं हैं जिससे स्वास तंत्र के साथ फेफड़ों को मजबूत किया जा सकता है। कोरोना का सबसे पहला वार व्यक्ति की नाक के अंदर और गले में ही होता है । कहा जाता है कि खुलकर हंसना सबसे बड़ी चिकित्सा होती है “लाफ्टर इस द बेस्ट मेडिसिन”,। वर्ष 1998 के नोबेल पुरस्कार विजेता डॉक्टर लुइस जे इगनारो द्वारा संक्रमित फेफड़ों को जल्दी से मरम्मत करने वाली प्राणायाम क्रिया बताई गई है। बस इन तीन बातों- यानी फेफड़ों तथा स्वास क्रिया संस्थान को मजबूत करने, संक्रमित फेफड़ों को जल्दी से रिपेयर करने और लाफ्टर थेरेपी का समय समावेश करते हुए एक प्रोग्राम उत्तराखंड पावर कारपोरेशन के सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता एमसी गुप्ता द्वारा शुरू किया गया है ।

रोजाना शाम ठीक 6:30 बजे से 7:00 तक यह प्रोग्राम किया जाता है ।जिसमें कोई भी व्यक्ति निशुल्क ज्वाइन कर सकता है। यह प्रोग्राम गूगल मीट ऐप के द्वारा किया जाता है ।यह प्रोग्राम पूरी तरह से निशुल्क है ।इसको ज्वाइन करने के लिए गूगल मीट में जाकर उसका कोड ( qgv- ibmd-rrr) के माध्यम से कार्यक्रम से जुड़ा जा सकता है। वर्तमान में बहुत सारे लोग इससे जुड़कर अपने आप को कोरोनावायरस से बचा रहे हैं और जो लोग कोरोनावायरस से संक्रमित हो चुके हैं ,वह अपने फेफड़ों और श्वास क्रिया संस्थान को मजबूत कर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *