एक बार फिर से चर्चा में यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार यादव, एक साथ संभाल रहे 06-06 महत्वपूर्ण पदों की ज़िम्मेदारी
पारदर्शिता से काम करने वाली उत्तराखंड सरकार में धरातल पर होता काम सवालों के घेरे में है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के ऊर्जा विभाग में एक ही अधिकारी के कंधों पर 06 – 06 महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। ऊर्जा विभाग में जिस तरह उच्च स्तर पर लंबे समय से रिक्त पदों को भरने के बजाय एक ही अधिकारी को चार्ज सौंपा जा रहा है, उससे सरकार के पारदर्शिता के वादे गलत साबित हो रहे हैं। हैरत में डालने वाली बात यह है कि ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार यादव वर्तमान में 6-6 पदों का प्रभार संभाल रहे हैं, जो भी निदेशक रिटायर हो रहा है उसका चार्ज यादव को सौंपा जा रहा है।
यादव के पास हैं ये प्रभार:-
1. प्रबंध निदेशक ऊर्जा निगम
2. निदेशक एचआर ऊर्जा निगम
3. प्रबंध निदेशक पिटकुल
4: निदेशक फाइनेंस पिटकुल
5. निदेशक प्रोजेक्ट पिटकुल
6. निदेशक ऑपरेशन पिटकुल
नियमों को देखे तो निदेशकों के पद रिक्त होने के छह माह पूर्व भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाती है, लेकिन लंबे समय से शासन नियमों का उल्लंघन कर एक ही अधिकारी को हर खाली होते पद की जिम्मेदारी सौंप रहा है। अब एक ही अधिकारी के पास कई पदों के प्रभार होने से न केवल विभागीय काम प्रभावित हो रहे हैं, बल्कि जनता को भी योजनाओं का लाभ समय पर नहीं मिल पा रहा है। सरकार तमाम वादे और दावे कर रही है, वहीं ऊर्जा विभाग में एक ही अधिकारी को सभी पदों की जिम्मेदारी सौंपना शासन से लेकर विभाग तक की चर्चाओं में है। अनिल कुमार यादव की यूपीसीएल में एमडी पद की जिम्मेदारी सौंपने के वक्त ही कई तरह के सवाल भी खड़े हो गए थे। वहीं इन सब मामलो से इतर उन्ही को हर महत्वपूर्ण पद की एक के बाद एक जिम्मेदारी सौंपना चर्चा में आना लाजमी हो जाता है। बड़ी बात तो यह भी है कि UPCL और PTCUL के ज्यादातर फैसलों में क्वेरी लगाने वाले भी अनिल कुमार यादव है और उन क्वेरी पर फैसला लेने वाले भी अनिल कुमार यादव ही है।